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UP Election Big Issues: उत्तर प्रदेश चुनावों की तारीखों के ऐलान के साथ ही मुद्दों की बात भी शुरू हो चुकी है. नेताओं की जुबान पर जहां धर्म, जाति, अब्बाजान और जिन्ना जैसे मुद्दे हैं, वहीं जनता के लिए रोजगार से लेकर तमाम जमीनी मुद्दे अहम हैं. एबीपी-सी वोटर के सर्वे में यूपी के लोगों से पूछा गया कि प्रदेश में इस बार कौन सा मुद्दा सबसे ज्यादा प्रभावी होगा?

किसान आंदोलन सबसे प्रभावी मुद्दा
सर्वे में शामिल लोगों ने अलग-अलग मुद्दों पर अपनी राय दी और नतीजे काफी दिलचस्प आए. लोगों ने सबसे बड़ा मुद्दा किसान आंदोलन को माना, जो यूपी में प्रभावी होगा. 30 दिसंबर को किए गए सर्वे में शामिल 21 फीसदी लोगों ने माना कि किसान आंदोलन का असर यूपी में देखने को मिलेगा. वहीं 20 दिसंबर को इस मुद्दे को प्रभावी मानने वालों की संख्या 25 फीसदी थी. 

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कानून व्यवस्था का मुद्दा भी प्रभावी
किसान आंदोलन के बाद दूसरा सबसे प्रभावी मुद्दा लोगों को कानून व्यवस्था लगा. सर्वे में शामिल हुए 17 फीसदी लोगों ने माना कि कानून व्यवस्था का मुद्दा भी यूपी में प्रभावी होगा. यानी मौजूदा कानून व्यवस्था को लेकर भी लोग आने वाले चुनावों में वोट डालेंगे. ये 30 दिसंबर को हुए सर्वे का आंकड़ा था, लेकिन इससे ठीक 10 दिन पहले सिर्फ 14 फीसदी लोगों ने ही इसे प्रभावी मुद्दा बताया था. 

ध्रुवीकरण को भी लोगों ने माना प्रभावी मुद्दा
सर्वे में 17 फीसदी लोगों ने माना कि धुव्रीकरण भी यूपी में एक प्रभावी मुद्दा हो सकता है. बता दें कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में धुव्रीकरण को काफी अहम माना जाता है, तमाम दल इसके सहारे अपनी सियासी नैया को पार लगाने की कोशिश में जुटे होते हैं. इसीलिए लोगों को भी ये प्रभावी मुद्दा लगा. 

बाकी के मुद्दों पर लोगों की राय
इन तमाम मुद्दों के अलावा भी बाकी कुछ मुद्दों को यूपी की जनता ने प्रभावी बताया. जिसमें कोरोना महामारी के मुद्दे को प्रभावी मानने वाले 16 फीसदी लोग थे. इन लोगों ने माना कि कोरोना मैनेजमेंट यूपी में एक प्रभावी मुद्दा होगा. इसके बाद नंबर आया सरकार के कामकाज का… 11 फीसदी लोगों ने माना कि यूपी में सरकार का कामकाज भी एक प्रभावी मुद्दा है. इसके अलावा करीब 8 फीसदी लोग ऐसे थे जिन्होंने माना कि पीएम मोदी की छवि भी यूपी में एक प्रभावी मुद्दा होगा. अन्य में 10 फीसदी लोग शामिल थे. 

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