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भारतीय किसान यूनियन के नेता और हरियाणा के अन्य प्रदर्शनकारी किसान चंडीगढ़ में राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिलने उनके आवास पहुंचे. इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने हमें प्रदर्शन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमों और आंदोलन में मारे गए किसानों को मुआवजा देने के मामले पर मीटिंग के लिए बुलाया है. फिलहाल इस मामले में ज्यादा जानकारी का इंतजार है.

इससे पहले गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कहा कि किसानों और सरकार के बीच ‘गतिरोध’ जारी है क्योंकि केंद्र उनकी लंबित मांगों के संबंध में कोई औपचारिक संदेश नहीं देकर उन्हें प्रदर्शन स्थलों पर रहने के लिए मजबूर कर रहा है.

चालीस किसान संघों के संगठन एसकेएम ने एक बयान में कहा कि किसान सकारात्मक प्रगति के लिए और सरकार द्वारा उनकी जायज मांगों को स्वीकार करने की धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा कर रहे हैं. उनकी मांगों में फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी और आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देना शामिल है.

उसने कहा कि भारत सरकार के साथ गतिरोध की वजह से किसान मोर्चा (प्रदर्शन स्थल) पर रहने को मजबूर है और उनकी लंबित मांगों को स्वीकार करने को लेकर अबतक कोई आधिकारिक संदेश नहीं मिला है.

उसने कहा कि दर्जनों टोल प्लाजा और अन्य स्थानों पर सभी पक्के मोर्चा कायम हैं. एसकेएम ने यह भी कहा कि भारत के राष्ट्रपति ने संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित कृषि कानूनों को निरस्त करने वाले विधेयक को अपनी स्वीकृति दे दी है और इस बाबत एक गजट अधिसूचना जारी की गई है.

एसकेएम ने कहा, ‘इसके साथ ही एक अहम लड़ाई औपचारिक रूप से समाप्त हो गई है. प्रदर्शनकारी किसानों ने अपनी चुनी हुई सरकार के खिलाफ पहली बड़ी जीत हासिल की.’

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