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India Message to China: भारत से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर नए गांव बसाने की चीनी कवायद के ऊपर भारत ने दो टूक कहा कि उसने ना तो चीन के अवैध कब्जे को स्वीकार किया है और ना ही गैर वाजिब दावों को. लिहाजा भारत सरकार ने चीन की ऐसी करतूतों का पहले भी विरोध किया है और आगे भी करती रहेगी.

विदेश मंत्रालय प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि सीमा पर भारत की सुरक्षा को प्रभावित करने वाली हर गतिविधि पर निगरानी के साथ-साथ उचित कार्यवाही भी की जाती है. सीमा पर चीन की गतिविधियों को उजागर करती हुई अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन की हालिया रिपोर्ट से जुड़े सवालों का जवाब दे रहे बागची ने कहा कि भारत ने इसका संज्ञान लिया है. इस तरह की गतिविधियों पर कुछ मीडिया रिपोर्ट भी पहले आई थी.

चीन बीते कई सालों से सीमा पर लगातार ढांचागत निर्माण कर रहा है यह बात भारत कई बार उठा चुका है. इनमें भारत के वह इलाके शामिल हैं जो दशकों से चीन के अवैध कब्जे में है. विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ने कहा कि भारत ने अभी तक ना तो चीन के अवैध कब्जे को स्वीकार किया है और ना ही उसके गैर वाजिब दावों पर सहमति जताई है. ऐसे में भारत ने हमेशा राजनयिक माध्यमों से ऐसी गतिविधियों पर विरोध जताया है और आगे भी जताता रहेगा.

इतना ही नहीं विदेश मंत्रालय की तरफ से आए ताजा बयान में कहा गया कि सरकार भारत की सुरक्षा को प्रभावित करने वाली सभी सीमा गतिविधियों पर नजर बनाए रखती है. साथ ही इसके लिए जरूरी उपाय भी किए जाते हैं. इसके अलावा बीते कुछ समय में भारत ने भी तेजी से सीमा पर अपने ढांचागत निर्माण पर जोर दिया है. इसके तहत सड़कें पुल इत्यादि का निर्माण किया जा रहा है ताकि अरुणाचल समेत सीमावर्ती राज्यों के लोगों का जीवन स्तर बेहतर किया जा सके.

ध्यान रहे कि चीन अरुणाचल प्रदेश के 90000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर अपना दावा करता है. इसके अलावा भारत की 43180 वर्ग किलोमीटर भूमि भी उसके कब्जे में है. इसमें 38000 वर्ग किलोमीटर जमीन अक्साई चिन क्षेत्र की है तो वहीं 5180 वर्ग किलोमीटर भारतीय भूमि पाकिस्तान ने कथित चीन-पाकिस्तान समझौते के तहत उसे दी है. इन जहां अपने कब्जे में मौजूद भारतीय जमीन पर बड़े पैमाने पर ढांचागत निर्माण कर चुका है. वहीं पाकिस्तान के अवैध कब्जे में मौजूद पीओके क्षेत्र में भी चीन भारत के एतराजों को दरकिनार कर सीपीईसी परियोजना के तहत निर्माण कार्य कर रहा है.

बीते दिनों आई पेंटागन रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन की रिपोर्ट में दावा किया गया कि चीन ने भारत के साथ सीमा विवाद क्षेत्र के इलाके में न केवल नया गांव बसा दिया बल्कि वहां स्थाई चौकी भी बना दी. इस तरह के गांव चीन ने पूर्वी लद्दाख क्षेत्र के इलाकों में भी बसाए हैं. 

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