उत्तराखंड पुलिस ने कुछ दिनों पहले धर्म संसद अभद्र भाषा के मामले में वसीम रिजवी को गिरफ्तार किया था, जिन्हेँ अब जितेंद्र नारायण त्यागी के नाम से जाना जाता है, उन्हें हरिद्वार से गिरफ्तार किया गया, साथ में दो अन्य यति नरसिम्हनंदा और साध्वी अन्नपूर्णा को पेशी के लिए नोटिस जारी किया था। जितेंद्र नारायण त्यागी जी को जिहादियों के प्रोपोगेंडा के तहत गिरफ्तार किया गया था जबकि उन्होंने ऐसा कोई बयां नहीं दिया था। एक मुसलमान की द्वारा की गयी शिकायत के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई। ये सभी जानते है कि वसीम रिजवी से जितेंद्र नारायण त्यागी बनने के बाद मुस्लिम समाज तिलमिलाया हुआ है और उन्हें झूठे आरोपों में फसा रहा है।
आरोप के अनुसार, यति नरसिम्हनंद गाजियाबाद के डासना मंदिर के विवादास्पद पुजारी हैं, जिन्होंने हरिद्वार में धर्म संसद का आयोजन किया था, जबकि साध्वी अन्नपूर्णा उस कार्यक्रम में वक्ताओं में से एक थीं, जहां कथित तौर पर मुसलमानों के खिलाफ अत्यधिक भड़काऊ भाषण दिए गए थे।
सुदर्शन न्यूज़ के प्रधान संपादक श्री सुरेश चव्हाणके जी ने हरिद्वार जेल से जितेंद्र नारायण त्यागी जी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात कर उनकी तबियत की जानकारी ली और उनको विश्वास दिलाया कि संपूर्ण हिंदू समाज आपके साथ है।
जितेंद्र नारायण त्यागी जी ने श्री सुरेश चव्हाणके जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “उन्होंने कहा कि मैं केवल नाम के लिए नहीं, काम के लिए हिंदू बना हूँ और किसी भी संघर्ष व बलिदान के लिए तैयार हूँ।” संघर्ष और बलिदान की बात करते हुए उनके चेहरे पर मुस्कान थी। चेहरे पर मुस्कान देखने के बाद देश के गद्दारों को लगेगा की ये तो अंदर जाने के बाद भी हंस रहा है। गद्दारों की सारी मेहनत पर पानी फिर गया।
जितेंद्र नारायण त्यागी जी से बातचीत के बाद गद्दार श्री सुरेश चव्हाणके जी को फिर से झूठे आरोपों में घेरने की कोसिस कर रहे है। और उन पर FIR दर्ज कराई गयी है। गद्दारों के मंसूबे पर पारी फेरते हुए एक फिर धरम की विजय होगी।