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Manipur Attack: मणिपुर में म्यांमार बॉर्डर से सटे चूराचांदपुर जिले में उग्रवादियों के हमले में असम राईफल्स के एक कमांडिंग ऑफिसर सहित कुल पांच सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए. हमले में कर्नल रैंक के अफसर की पत्नी और आठ साल के बेटे की भी  मौत हो गई है.

हाल के वर्षों में ये पहली बार है कि उग्रवादियों ने हमले में सेना के किसी अफसर के परिवार को भी निशाना बनाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले पर दुख जताया है‌ और कहा है कि उनकी शहादत को भुलाया नहीं जा सकता है. रक्षा मंत्री ने भी दोषियों के खिलाफ जल्द कारवाई का भरोसा दिया है.

बटालियन हेडक्वार्टर से लौट रहे कर्नल

जानकारी के मुताबिक, असम राईफल्स की 46 बटालियन (46 एआर) के कमांडिंग ऑफिसर (सीओ), कर्नल विप्लव त्रिपाठी अपने काफिले के साथ म्यांमार बॉर्डर पर तैनात अपनी एक बटालियन हेडक्वार्टर से लौट रहे थे, उसी दौरान उग्रवादियों ने पहले आईईडी बम बलास्ट किया और फिर काफिले में चल रही गाड़ियों पर अधांधुंध फायरिंग कर दी. ये हमला मणिपुर के चूराचांदपुर जिले में डेहांग के करीब हुआ. उनकी एक कंपनी चूड़ाचंदपुर के बेहांग में तैनात थी. शुक्रवार को वे अपने परिवार के साथ बटालियन के दौरे पर गए थे.

जानकारी के मुताबिक, काफिले में चल रही क्विक रिक्शन टीम यानि क्यूआरटी आईईडी बलास्ट की चपेट में आ गई. इस गाड़ी में सवार चार जवानों की मौके पर ही मौत हो गई. उग्रवादियों ने आईईडी बलास्ट के बाद काफिले में चल रही सीओ, कर्नल विप्लव त्रिपाठी की गाड़ी को निशाना बनाया. उनकी कार पर बेहद करीब से फायरिंग की गई. इस फायरिंग में कर्नल विप्लव समते उनकी पत्नी और आठ साल के बेटे की भी मौत हो गई. तीनों की मौके पर ही मौत हो गई. इस दौरान उग्रवादियों काफिले में चल रही दूसरी गाड़ियों पर फायरिंग की गई. इस दौरान चार जवान और घायल हो गए. इनमें से तीन की हालात गंभीर है और उन्हें इलाज के लिए इम्फाल ले जाया गया है.

गाड़ी पर बेहद नजदीक से गोलियां बरसाई

हालांकि, खबर लिखे जाने तक किसी उग्रवादी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. वहीं, सूत्रों की मानें तो प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, इस हमले के पीछे मणिपुर के प्रतिबंधित संगठन, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यानि पीएलए का हाथ है. लेकिन मणिपुर में तैनात सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों ने एबीपी न्यूज को बताया कि जिस तरह हमलावरों ने सीओ की गाड़ी पर बेहद नजदीक से गोलियां बरसाई हैं, उससे ऐसा लगता है कि उन्हें इस बात की जानकारी थी कि कर्नल के साथ उनकी पत्नी और बेटा भी मौजूद है.

ऐसे में साफ है कि सीओ के परिवार को जानबूझकर एक साजिश के तहत निशाना बनाया गया है. ऐसे में ये कोई उग्रवादी या फिर मणिपुर के विद्रोहियों की करतूत नहीं बल्कि एक बड़ा आतंकी हमला है.

परिवार के सदस्यों को श्रद्धांजलि- पीएम मोदी

हमले पर दुख जताते हुए पीएम मोदी ने कहा है कि “मणिपुर में असम राइफल्स के काफिले पर हुए हमले की कड़ी निंदा करता हूं. मैं उन सैनिकों और परिवार के सदस्यों को श्रद्धांजलि देता हूं जो आज शहीद हुए हैं. उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा. दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं.”

दोषियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाएगा- राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी हमले के बाद ट्वीट करते हुए लिखा कि “मणिपुर के चुराचांदपुर में असम राइफल्स के काफिले पर कायराना हमला बेहद दर्दनाक और निंदनीय है. देश ने सीओ 46 एआर और परिवार के दो सदस्यों सहित 5 बहादुर सैनिकों को खो दिया है. शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं. जल्द ही दोषियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाएगा.”

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन वीरेन सिंह के मुताबिक, हमलावरों की तलाश के लिए इलाके में पुलिस और पैरा-मिलिट्री फोर्स सघन ऑपरेशन चला रही है. आपको बता दें कि पिछले छह सालों में मणिपुर में म्यांमार बॉर्डर के करीब ये दूसरा बड़ा हमला है. वर्ष 2015 में चूराचांदपुर में ही सेना की डोगरा रेजीमेंट की एक काफिले पर बड़ा हमला किया गया था जिसमें 19 सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए थे.‌

इस हमले के बाद भारत ने म्यांमार सीमा में घुसकर सर्जिकल स्ट्राईक जैसा क्रोर्स-बॉर्डर ऑपरेशन कर उग्रवादियों के खिलाफ बड़ी कारवाई की थी. मणिपुर में म्यांमार सीमा के करीब दो दर्जन से भी ज्यादा उग्रवादी संगठन सक्रिए हैं. इनमें से कुछ संगठनों को विदेशों से भी फंड और हथियारों की मदद दी जाती है.

गर्वनर ने कर्नल को किया था सम्मानित

46 एआर बटालियन के सीओ, कर्नल विप्लव त्रिपाठी इसी साल मई के महीने में मणिपुर में तैनात हुए थे. वे अपनी बटालियन के साथ ही यहां तैनात हुए थे. इससे पहले वे दो सालों तक मिजोरम में अपना बटालियन के साथ तैनात थे. मिजोरम में स्थानीय युवाओं को मुख्यधारा में शामिल करने के लिए कई कार्यक्रम किए थे, जिसके लिए मिजोरम के गर्वनर ने उन्हें सम्मानित किया था. इसी साल मार्च के महीने में जब एबीपी न्यूज की टीम मिजोरम कवरेज के लिए गई थी तो कर्नल विप्लव त्रिपाठी से मुलाकात हुई थी.

कर्नल विप्लव मुख्य तौर से भारतीय सेना की कुमाऊं रेजीमेंट से ताल्लुक रखते थे और इन दिनों डेप्युटेशन पर असम राईफल्स में तैनात थे. वे पैतृक रूप से छत्तीसगढ़ के रहने वाले थे. असम राईफल्स में जवानों की सीधे भर्ती होती है जबकि अफसर सभी थलसेना से आते हैं. ऐसे में असम राईफल्स ही सही मायने में देश की एकमात्र पैरा-मिलिट्री फोर्स है. असम राईफल्स की जिम्मेदारी पूरी म्यांमार सीमा की सुरक्षा से लेकर उत्तर-पूर्व के राज्यों की आंतरिक सुरक्षा भी है.

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