UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी प्रधानमंत्री मोदी के इस फैसले का स्वागत किया और अपने बयान में सफाई पेश करते हुए कहा कि पीएम ने किसानों की आवाज सुनी है, मोदी सरकार हर विवाद का फैसला बातचीत से करेगी। योगी आदित्यनाथ बोले कि “यह हमारी कमी थी कि हम लोगों ने सही चीज समय पर उन लोगों तक पहुंचाने में कोताही बरती होगी, लेकिन जब कहीं से आवाज उठी है तो उसकी भी सुनवाई होना और फिर आपसी समन्वय से और बातचीत से हम इन समस्याओं का समाधान करेंगे। जो लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत होती है और इसी ताकत का इस्तेमाल करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया है। इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी का अभिवादन।”
योगी ने अपने बयान में आगे कहा कि “जो ऐतिहासिक कार्य किया है, मैं उनके इस कदम का हृदय से स्वागत और अभिनंदन करता हूं। शुरू से ही इस संबंध में एक बड़ा समुदाय ऐसा था जो इस बात को मानता था कि किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए इस प्रकार के कानून महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं, लेकिन इन सबके बावजूद जब किसान संगठन इसके विरोध में आए थे तो सरकार ने हर स्तर पर संवाद बनाने का प्रयास किया।
यह हो सकता है कि हमारे स्तर पर कोई कमी रह गई हो कि हम लोग अपनी बात को उन लोगों को समझाने में विफल रहे, जिसके कारण उन्हें आंदोलन के रास्ते पर आगे बढ़ना पड़ा था। लेकिन लोकतंत्र के इस भाव का सम्मान करते हुए तीनों कृषि कानून वापस लेने और MSP को लेकर भी एक समिती के गठन करने के फैसले का स्वागत करते हैं।”