[ad_1]

Tripura Violence: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दो वकीलों और एक पत्रकार की उस याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई, जिसमें त्रिपुरा में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ कथित तौर पर हुई हिंसा के तथ्य सोशल मीडिया के जरिये शेयर करने के आरोप में यूएपीए के कठोर प्रावधानों के तहत दर्ज आपराधिक मामले रद्द करने का अनुरोध किया गया है. त्रिपुरा में अल्पसंख्यक समुदाय के पूजा स्थलों के खिलाफ कथित हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट के वकीलों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं समेत 102 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

तथ्य खोज समिति का हिस्सा रहे नागरिक समाज के सदस्यों ने भी गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के कुछ प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को इस आधार पर चुनौती दी है कि गैरकानूनी गतिविधियों की परिभाषा अस्पष्ट और व्यापक है. इसके अलावा कानूनन आरोपी को जमानत मिलना बेहद मुश्किल हो जाता है. हाल ही में बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा की खबरों के बाद त्रिपुरा में आगजनी, लूटपाट और हिंसा की घटनाएं हुईं.

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और हिमा कोहली की पीठ को अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने सूचित किया कि तथ्य खोज समिति का हिस्सा रहे दो वकील और एक पत्रकार के खिलाफ उनकी सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर त्रिपुरा पुलिस ने यूएपीए के तहत कार्रवाई की है और प्राथमिकी दर्ज करके इन्हें दंड प्रक्रिया संहिता के तहत नोटिस जारी किए हैं. पीठ ने शुरुआत में पूछा, “उच्च न्यायालय क्यों नहीं गए? आप उच्च न्यायालय के समक्ष गुहार लगाएं.”

हालांकि, बाद में पीठ ने प्रशांत भूषण की इस दलील के बाद याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करने के लिए सहमति जताई कि प्राथमिकी रद्द करने के अनुरोध के अलावा इसमें यूएपीए के कुछ प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को भी चुनौती दी गई है. भूषण ने कहा, “कृपया इसे सूचीबद्ध करें, क्योंकि इन लोगों पर तात्कालिक कार्रवाई का खतरा है.” इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “मैं एक तारीख (सुनवाई के लिए) दूंगा.”

राज्य में सांप्रदायिक हिंसा के बारे में कथित रूप से सूचना प्रसारित करने के लिए भारतीय दंड संहिता और यूएपीए प्रावधानों के तहत पश्चिम अगरतला पुलिस स्टेशन में दर्ज प्राथमिकी में अधिवक्ता मुकेश और अंसारुल हक और पत्रकार श्याम मीरा सिंह पर आरोप लगाए गए हैं.

D Raid: नवाब मलिक की बढ़ेंगी मुश्किलें, पुणे वक्फ बोर्ड जमीन घोटाले में 7 जगहों पर ED की छापेमारी

Fadnavis vs Malik: नवाब मलिक की बेटी ने ड्रग्स के आरोपों पर भेजा कानूनी नोटिस, कहा- माफी मांगे देवेन्द्र फडणवीस

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *