Ahmedabad Serial Blast: Ahmedabad Serial Blast: ‘संविधान नहीं, कुरान मानेंगे’, जमीयत करेगा अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट के आतंकियों की पैरवी

अहमदाबाद सीरियम बम ब्लास्ट केस में विशेष कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अहमदाबाद ब्लास्ट केस (Ahmedabad blast case) 2008 मामले में विशेष अदालत (Special Court) ने 49 में से 38 दोषियों को मौत की सजा (Death Sentence) सुनाई है। इसके अलावा अदालत ने 11 अन्य दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने इन लोगों को पहले ही दोषी करार दे दिया था और आज कोर्ट ने सजा का ऐलान किया। आरोपियों को गैर कानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आजीवन कारावास और मौत की सजा हुई। उन पर कानून की अन्य धाराओं में भी मामला दर्ज हैं। अदालत ने 77 अभियुक्तों के विरुद्ध गत वर्ष सितंबर में मुकदमे की कार्यवाही समाप्त की थी।

वहीं दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस मामले में सजा सुनाए गए नागौरी के साथ सिमी के 5 और आतंकी भोपाल की जेल में बंद हैं। इनके नाम शिवली, शादुली, आमिल परवेज, कमरुद्दीन नागौरी, हाफिज और अंसाब हैं। इनमें अंसाब को उम्रकैद और अन्य 5 को फाँसी की सजा सुनाई गई है। रिपोर्ट के अनुसार सजा सुनाए जाने के बाद बाद भी नागौरी के चेहरे पर कोई शिकन नहीं दिखा। उसने जेल अधीक्षक दिनेश नरगावे से कहा, “संविधान हमारे लिए मायने नहीं रखता, हम कुरान का फैसला मानते हैं।”

बता दें कि वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उस समय अहमदाबाद शहर में 26 जुलाई 2008 को लगभग 70 मिनट के भीतर 21 बम धमाके हुए थे। इन धमाकों में 56 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 200 लोग घायल हो गए थे। इस मामले में अहमदाबाद पुलिस ने 20 प्राथमिकी दर्ज की थी, जबकि सूरत में 15 अलग से FIR दर्ज की गईं थी।

जमीयत के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने विशेष अदालत के फैसले को ‘अविश्वसनीय’ बताया है। इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने का ऐलान किया है। मौलाना अरशद मदनी दारुल उलूम देवबंद के प्रिंसिपल भी हैं। रिपोर्ट के अनुसार मदनी ने कहा है कि जिनको सजा सुनाई गई है उनकी हाईकोर्ट में परैवी देश के नामी वकील करेंगे। जरूरत पड़ने पर सुप्रीम कोर्ट जाने की भी बात उन्होंने कही है।

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