2 जनवरी 2022, को इलाहाबाद हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने एक आदेश दिया था जिसमें कहा गया था कि आगामी 3 जनवरी दिन सोमवार से कोर्ट में न्यायिक प्रक्रिया की सुनवाई सिर्फ वर्चुअल माध्यम से होगी। इसको लेकर अधिवक्ताओं में असंतोष का माहौल देखने को मिला। अधिवक्ताओं ने इस फैसले को चुनौती देते हुए आंदोलन करने की बात तक कह डाली। उन्होंने आंदोलन के लिए रूप-रेखा तक तैयार कर ली थी।

इलाहाबाद हाइकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव अपर अधिवक्ता अभिषेक शुक्ला के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने इस आदेश का जमकर विरोध किया। उन्होंने इसके विरोध में इलाहाबाद हाइकोर्ट के गेट नंबर तीन के पास 12:30 बजे महापंचायत करने की घोषणा की थी। अधिवक्ताओं ने इसको लेकर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस को ज्ञापन भी सौंपा था। जिसके बाद सोमवार को यह आदेश बदला गया। इस आदेश के बदलने के बाद से हजारों अधिवक्ताओं ने चैन की सांस ली।

फैसला वापस होने के बाद सभी अधिवक्ताओं ने इसका स्वागत किया। अधिवक्ताओं ने कहा कि वर्चुअल हियरिंग से उन अधिवक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ता जो दूर-दराज या ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं। जिनके पास तकनीकी सुविधा उपलब्ध नहीं है। अब फिजिकल होने के बाद से अधिवक्ताओं को आर्थिक समस्याओं का सामना भी नहीं करना पड़ेगा।

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