{“_id”:”67ba60743b239e18af0bb8b4″,”slug”:”indian-army-will-increase-air-defense-capabilities-by-deploying-powerful-radar-2025-02-23″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Army: शक्तिशाली रडार की तैनाती कर हवाई रक्षा क्षमताएं बढ़ाएगी सेना, इस मिसाइल सिस्टम को शामिल करने की तैयारी”,”category”:{“title”:”India News”,”title_hn”:”देश”,”slug”:”india-news”}}
सांकेतिक तस्वीर। – फोटो : अमर उजाला
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ड्रोन और अन्य विध्वंसक टेक्नोलॉजी के कारण युद्ध के बदलते स्वरूप के बीच भारतीय सेना भी अपनी क्षमताओं को बढ़ाएगी। आर्मी एयर डिफेंस (एएडी) कोर ने मौजूदा हवाई रक्षा तोपों के लिए नए गोला-बारूद को शामिल करने और अधिक शक्तिशाली रडार की तैनाती के जरिये अपनी क्षमताएं बढ़ाने का खाका तैयार किया है।
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एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि सेना को स्वदेशी रूप से विकसित सतह से हवा में मार करने वाली त्वरित प्रतिक्रिया मिसाइल (क्यूआरएसएएम) प्रणाली के संबंध में अनुबंध की उम्मीद है। आर्मी एयर डिफेंस कोर के पास एल70, जू-23मिमी, शिल्का, तांगुस्का और ओसा-एके मिसाइल प्रणाली जैसी विभिन्न प्रकार की मिसाइल प्रणालियां और तोपें हैं। सेना हवाई रक्षा (एएडी) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डी कुन्हा ने कहा, तोपों का चलन वापस आ गया है। सेना ने अच्छे कारणों से इन्हें बनाए रखा है।
सेना का हिस्सा थी आर्मी एयर डिफेंस
आत्मनिर्भर भारत पर जोर देते हुए कुन्हा ने आधुनिकीकरण की आवश्यकता पर बात की। उन्होंने आगाह किया कि भारतीय उद्योग को कम समयसीमा में आपूर्ति की पेशकश करनी चाहिए। अधिकारियों ने बताया कि एएडी शुरू में प्रादेशिक सेना का हिस्सा थी। उसे बाद में 1994 में इससे अलग कर दिया गया। एएडी हवाई खतरे को उसके आने से पहले नष्ट करने का काम करती है।