भोजशाला, राजा भोज द्वारा निर्मित संस्कृत अध्ययन का केन्द्र तथा सरस्वती का मन्दिर था। बीसवीं शदी के आरम्भिक दिनो से मध्य प्रदेश के धार में स्थित वर्तमान भोजशाला को विवादित कामिल मौला मसजिद माना जाने लगा है।
मुस्लिम आक्रान्ता अल्लाउद्दीन खिलजी
सन 1305 मे इस्लामी बादशाह अलाउद्दीन खिलजी ने भोजशाला पर आक्रमण कर दिया तथा भोजशाला को के कुछ भाग को भी ध्वस्त किया। आचार्यो की हत्या कर यज्ञ कुण्ड में डाल दिया। राजा मेदनीराय ने वनवासी धर्मयोधाओ को साथ ले कर मुस्लिम आक्रान्ताऔ को मार भगाया गया। तत्पश्चात 1902 में से वाग्देवी की प्रतिमा को मेजर किनकैड अपने साथ इंग्लेंड ले गया, जो, आज भी लन्दन संग्रहालय में कैद है।
हिन्दू राजा ने किया था मुस्लिम आक्रान्ता अल्लाउद्दीन खिलजी के योजना को बिफल
मां के प्रकट स्थान पर सैकड़ों वर्षों से निरंतर पूजा, यज्ञ, हवन, तपस्या और तपस्या के कारण भोजशाला पूरे विश्व में सिद्ध पीठ के रूप में आस्था और श्रद्धा का केंद्र है। 1269 ई. से, इस्लामी आक्रमणकारियों ने भारत वर्ष के इस आध्यात्मिक और सांस्कृतिक मूल्य भोजशाला पर हमला करने के लिए विभिन्न तरीकों से योजना बनाई, जिसे तत्कालीन हिंदू राजाओं ने विफल कर दिया था।
मां सरस्वती का प्रकट स्थान भोजशाला हिंदू जीवन दर्शन के सबसे बड़े अध्ययन और प्रचार का केंद्र भी था, जहां देश-विदेश के लाखों छात्रों ने 1400 महान विद्वानों की उपस्थिति में अलौकिक ज्ञान प्राप्त किया। इन आचार्यों में भवभूति, माघ, बाणभट्ट, कालिदास, मनतुंगा, भास्करभट्ट, धनपाल, बौद्ध संत बंसवाल, समुंद्र घोष आदि विश्व प्रसिद्ध हैं। महाराजा भोज के बाद 200 वर्षों तक अध्यापन का कार्य निरंतर चलता रहा।
आज उन्ही भारत के गौरव और धार के भोजशाला मां सरस्वती के दर्शन करने जा रहे है सुदर्शन टीवी के प्रमुख संपादक श्री सुरेश चव्हाणके अपने वेरिफाई ट्विटर हैंडल से किया एलान
आज मां सरस्वती के दर्शन करने धार (MP) आ रहा हूं। #ChaloDhar
इंदौर एअरपोर्ट 1.30 बजे, धार भोज शाला 3 बजे।
संपर्क +91 88711 17565। / +919713360009#भोजशाला_में_वाग्देवी #SaraswatiPuja #वसंत_पंचमी #सरस्वतीपूजा @MPPoliceOnline @indorepolice @ChouhanShivraj @drnarottammisra pic.twitter.com/I3gafg7ACe— Suresh Chavhanke “Sudarshan News” (@SureshChavhanke) February 5, 2022