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Delhi Coronavirus Pandemic: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में क्या कोविड-19 संबंधी और प्रतिबंध लगाने की जरूरत है इसकी समीक्षा की जाएगी क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बावजूद अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या कम है. जैन ने यह भी कहा कि वर्तमान स्थिति के मद्देनजर बच्चों के लिए तीन हजार से अधिक बिस्तर तैयार किये गए हैं.

आज दिल्ली में कितने मामले आए? 

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़े के मुताबिक, दिल्ली में शनिवार को संक्रमण के 2 हज़ार 716 नए मामले सामने आए और एक व्यक्ति की मौत हो गई. वहीं संक्रमण दर बढ़कर 3.64 प्रतिशत हो गई. आज दिल्ली कोरोना संक्रमण के मामलों में बड़ा इज़ाफा देखा गया. शुक्रवार को जहां राजधानी में 1796 मामले सामने आए थे, वहीं आज संक्रमण के मामले बढ़कर 2716 पर पहुंच गए. एक दिन में कोरोना के मामलों में 50 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. बता दें कि दिल्ली में पिछले साल 21 मई के बाद एक दिन में इतने ज्यादा मामले आए हैं. 21 मई 2021 को 3009 मामलों की पुष्टि हुई थी.

सत्येंद्र जैन क्या बोले?

सत्येंद्र जैन ने कहा, ‘‘रोकथाम इलाज से बेहतर होता है और लोगों को हर समय खुद को सुरक्षित रखने की जरूरत है. जब भी हम अपने घरों से बाहर जा रहे हों तो हर समय मास्क पहनना हमारी जिम्मेदारी होनी चाहिए, इससे हमें कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी.’’

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्रीय राजधानी 15-18 आयु वर्ग के बच्चों को कोरोना वायरस रोधी टीका लगाने के लिए पूरी तरह से तैयार है. इस आयुवर्ग के लिए टीकाकरण तीन जनवरी से शुरू होना है. जैन ने कहा, ‘‘दिल्ली में एक दिन में तीन लाख लोगों को टीका लगाने के लिए उपयुक्त और पर्याप्त बुनियादी ढांचा और टीकाकरण केंद्र हैं. दिल्ली सरकार 15-18 वर्ष आयुवर्ग के बच्चों का टीकाकरण करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. हमारे पास दिल्ली के लोगों की टीकाकरण के लिए बूस्टर (एहतियाती) खुराक का पूरा भंडार उपलब्ध है.’’

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा ‘‘15-18 वर्ष के बीच के बच्चों के कोविड-19 रोधी टीकाकरण और एचसीडब्ल्यू, एफएलडब्ल्यू और 60 वर्ष से अधिक आयु के अन्य बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों के लिए एहतियाती खुराक’’ के लिए जारी दिशानिर्देश के अनुसार 15-18 आयु वर्ग के लोगों के लिए टीके का विकल्प केवल कोवैक्सीन होगा.

स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों (एचसीडब्ल्यू), अग्रिम मोर्चे के कर्मियों (एफएलडब्ल्यू) और अन्य बीमारियों से पीड़ित 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए एहतियाती खुराक के साथ टीकाकरण 10 जनवरी से शुरू होना है. दिल्ली के मंत्री ने कहा कि मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए बच्चों के लिए 3,000 से अधिक बिस्तर पहले ही तैयार किए जा चुके हैं.

जैन ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस रोगियों के इलाज के लिए सभी स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित और निर्देशित दिया जा रहा है. वायरस के विभिन्न स्वरूपों के लिए कोई अलग उपचार नहीं है.’’

दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने बुधवार को यह निर्णय लिया था कि दिल्ली में ‘येलो अलर्ट’ के तहत लगे प्रतिबंध अभी लागू रहेंगे और अधिकारी नए प्रतिबंध लगाने के संबंध में स्थिति पर नजर बनाए रखेंगे. जैन ने कहा, ‘‘हमने प्रतिबंध लगाए हैं. अन्य राज्यों में सिर्फ रात्रिकालीन कर्फ्यू लागू है, लेकिन दिल्ली में हमने विद्यालय और मल्टीप्लेक्स आदि बंद कर दिए हैं. दिल्ली में दूसरी लहर के दौरान अप्रैल और मई में बड़ी संख्या में लोग अस्पताल में भर्ती हो रहे थे, लेकिन अब भर्ती संख्या कम है. आगे के प्रतिबंधों की समीक्षा होगी.’’

जैन ने कहा कि ‘‘लोग इन दिनों ओमिक्रोन जांच की मांग कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें सूचित करना है कि ओमिक्रोन पर जानकारी केवल सरकार और नीति निर्माताओं के लिए आवश्यक है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि व्यवस्था तदनुसार काम कर रही है. मरीजों को स्वरूप के बारे में कुछ भी नया नहीं पता चलेगा क्योंकि अन्य कोरोना वायरस स्वरूप के लिए उपचार प्रक्रिया है बिल्कुल ओमिक्रोन स्वरूप की तरह ही है.’’

जैन ने कहा, ‘‘ओमिक्रोन स्वरूप स्वयं कोरोना वायरस का एक प्रकार है और इसके उपचार और रोकथाम के लिए प्रोटोकॉल भी पहले जैसा ही है.’’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ओमिक्रोन के मरीजों को अब तक ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ी है.

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