भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद (First President of India) की जयंती आज 3 दिसंबर को मनाई जा रही है। इस साल उनकी 136वीं जयंती है। देश के स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास का जब भी कोई जिक्र होता है तो डॉ. राजेंद्र प्रसाद का नाम सबसे ऊपर हमेशा आता है। डॉ राजेन्द्र प्रसाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति और महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी (freedom fighter) थे। राजनीति में शामिल होने के साथ-साथ मेधावी विद्वान एक स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक और वकील भी थे। प्रसाद को महात्मा गांधी के कट्टर अनुयायी के रूप में जाना जाता था।

डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जन्म 3 दिसंबर 1884 को बिहार के सारण जिले (अब सीवान) के एक गांव में हुआ था। उनके पिता महादेव सहाय संस्कृत और फारसी के विद्वान थे। उनकी माता कमलेश्वरी देवी एक धर्मपरायण (धर्म में विश्वास रखने वाली) महिला थीं। अपने पांच भाई बहनों में राजेंद्र प्रसाद सबसे छोटे थे। सबसे छोटे होने की वजह से बचपन में राजेंद्र बाबू को भरपूर प्यार और दुलार मिला। वे बचपन से ही सुबह बहुत जल्दी उठने के आदी थे। उनका पढ़ाई के प्रति बचपन से ही काफी लगाव था। वे हमेशा अपने पढ़ाई पर ध्यान दिया करते थे।

1962 में राष्ट्रपति पद से हट जाने के बाद उन्हें भारत सरकार द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया। अपने जीवन के आख़िरी कुछ पलों के बिताने के लिए उन्होंने पटना के पास सदाकत आश्रम चुना। यहां पर ही 28 फरवरी 1963 में उनका निधन हो गया।

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