Manipur: मणिपुर में लगा राष्ट्रपति शासन, बीरेन सिंह ने मुख्यमंत्री पद से पिछले सप्ताह दिया था इस्तीफा

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एन बीरेन सिंह
– फोटो : पीटीआई

विस्तार


मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है। राज्य के सीएम एन बीरेन सिंह ने 9 फरवरी 2025 को इस्तीफा दिया था, जिसके बाद राज्यपाल अजय भल्ला ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश की। बता दें कि मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा के चलते बीरेन सिंह की लगातार आलोचना हो रही थी। जिसके बाद उन्होंने पिछले सप्ताह अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। 

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केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी अधिसूचना में बताया गया है कि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया गया है। अधिसूचना में कहा गया है, भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को मणिपुर राज्य के राज्यपाल से एक रिपोर्ट प्राप्त हुई है। रिपोर्ट तथा मुझे प्राप्त अन्य जानकारी पर विचार करने के बाद मैं इस बात से संतुष्ट हूं कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिसमें उस राज्य की सरकार भारत के संविधान (जिसे आगे संविधान कहा जाएगा) के प्रावधानों के अनुसार नहीं चलाई जा सकती है। 

राजभवन में राज्यपाल से पात्रा की मुलाकात

इससे पहले संबित पात्रा के नेतृत्व में भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात की थी। 9 फरवरी को हिंसा से प्रभावित राज्य के मुख्यमंत्री पद से एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद नेतृत्व संकट पैदा हो गया है। राज्य विधानसभा के दो लगातार सत्रों के बीच अधिकतम छह महीने के अंतराल की समाप्ति पर एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘देखते हैं क्या होता है।’

इससे पहले आज मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला और अर्धसैनिक बल के अधिकारियों ने आज ही राजभवन में बैठक की थी।  इस दौरान अधिकारियों ने उन्हें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की तैनाती और परिचालन गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। बयान में कहा गया कि मणिपुर और नगालैंड सेक्टर के निवर्तमान महानिरीक्षक (सीआरपीएफ) डॉ. विपुल कुमार और नवनियुक्त महानिरीक्षक राजेंद्र नारायण दाश ने राज्यपाल से मुलाकात की। इसमें कहा गया, ‘अधिकारियों ने राज्यपाल को क्षेत्र में सीआरपीएफ की तैनाती और परिचालन गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।

किन परिस्थितियों में लगाया जाता है राष्ट्रपति शासन 

अगर  चुनाव के बाद किसी पार्टी को बहुमत न मिला हो 

जिस पार्टी को बहुमत मिला हो वह सरकार बनाने से इनकार कर दे और राज्यपाल को दूसरा कोई ऐसा दल नहीं मिले जो सरकार बनाने की स्थिति में हो

राज्य सरकार विधानसभा में हार के बाद इस्तीफा दे दे और दूसरे दल सरकार बनाने की स्थिति में नहीं हो 

राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के संवैधानिक निर्देशों का पालन ना किया हो

कोई राज्य सरकार जान-बूझकर आंतरिक अशांति को बढ़ावा या जन्म दे रही हो

राज्य सरकार अपने संवैधानिक दायित्यों का निर्वाह नहीं कर रही हो

 

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