{“_id”:”67add35e8eeba883e8099f90″,”slug”:”buddhist-religious-leader-dalai-lama-will-get-z-category-security-mha-took-the-decision-after-ib-report-2025-02-13″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”MHA: दलाई लामा और संबित पात्रा को जेड श्रेणी की सुरक्षा, आईबी की रिपोर्ट के बाद गृह मंत्रालय ने लिया फैसला”,”category”:{“title”:”India News”,”title_hn”:”देश”,”slug”:”india-news”}}
भाजपा सांसद संबित पात्रा और बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा। – फोटो : ANI
विस्तार
बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा को अब जेड श्रेणी की सीआरपीएफ सुरक्षा मिलेगी। गृह मंत्रालय ने खुफिया विभाग (आईबी) की रिपोर्ट के बाद यह फैसला लिया है। लगभग 30 सीआरपीएफ कमांडो की एक टीम दलाई लामा को सुरक्षा प्रदान करेगी। इसके अलावा पुरी से सांसद संबित पात्रा को भी मणिपुर में जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। पात्रा मणिपुर में भाजपा के प्रभारी हैं।
Trending Videos
Union Home Ministry has granted Z-category Central Reserve Police Force security to Tibetan spiritual leader Dalai Lama across India: Sources
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की वीआईपी सुरक्षा शाखा को 89 वर्षीय नेता दलाई लामा की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने का निर्देश दिया है। दलाई लामा को देश के सभी हिस्सों में सीआरपीएफ कमांडो के जेड-श्रेणी सुरक्षा कवर द्वारा सुरक्षित किया जाएगा। अभी तक दलाई लामा के पास हिमाचल प्रदेश पुलिस का एक छोटा सा सुरक्षा कवर था। जब वह दिल्ली या किसी अन्य स्थान की यात्रा करते थे तो स्थानीय पुलिस द्वारा उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाती थी। सरकार ने केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की समीक्षा के बाद उन्हें एक समान सुरक्षा कवर प्रदान किया है।
कौन हैं दलाई लामा?
सन 1935 में ल्हामो थोंडुप के रूप में जन्मे दलाई लामा को दो साल की उम्र से ही अपने पूर्ववर्ती तिब्बती धर्मगुरु का पुनर्जन्म माना गया है। उन्हें सन् 1940 में तिब्बत की राजधानी ल्हासा में 14वें दलाई लामा के रूप में तिब्बती धर्मगुरु की मान्यता दी गई थी। सन् 1950 में चीन ने तिब्बत पर हमला किया। दलाई लामा सन् 1959 में चीन के खिलाफ एक विद्रोह के असफल होने के बाद भारत आ गए थे। तब से वे हिमाचल प्रदेश के शहर धर्मशाला में निर्वासन में रह रहे हैं। सन् 1989 में उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
दलाई लामा ने मॉनेस्टिक शिक्षा प्राप्त की है और वह सालों से तिब्बतियों को न्याय दिलाने के लिए संघर्षरत हैं। वह छह महाद्वीपों और 67 से ज्यादा देशों की यात्रा कर चुके हैं। चीन के तिब्बत पर कब्जे के बाद भारत में दलाई लामा को आए हुए 62 साल से ज्यादा हो गए हैं।