पुलिस ने टुकड़ों में कटी लाश को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भेजा और आगे की जांच शुरू की। उधर, अनीता के परिजन जोधपुर के भगत की कोठी स्थित तेजा मंदिर में धरने पर बैठ गए और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़ गए। वे अनीता का पोस्टमार्टम कराने के लिए भी तैयार नहीं हुए। आखिरकार, 21 दिन बाद जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में 19 नवंबर को परिजनों की सीबीआई जांच समेत अन्य मांगों सहमति बनी, इसके बाद अनीता का अंतिम संस्कार हो सका। अनीता की खौफनाक हत्या, 21 दिन तक अंतिम संस्कार का इंतजार करने के बाद भी अब तक उसके हत्यारों की तस्वीर साफ नहीं हो सकी है। यह मर्डर मिस्ट्री अबेदा परवीन, गुलामुद्दीन फारूकी, तैयब अंसारी और अनीता की सहेली सुनीता के बीच फंसी हुई है। जिसे सुलझाने में राजस्थान में सफल नहीं हो सकी।
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हादसे वाली जगह पर पुलिस व एफएसएल की टीम
– फोटो : अमर उजाला
28 नवंबर 2024 को राजस्थान सरकार ने हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंषा भेजी। लेकिन, गृह मंत्रालय की ओर से नोटिफिकेशन जारी होने में समय लंबा समय लगा। 21 जनवरी को नोटिफिकेशन जारी होने के बाद तीन फरवरी को सीबीआई ने केस दर्ज किया। अनीता हत्याकांड में पुलिस ने गुलामुद्दीन फारूकी और उसकी पत्नी अबेदा परवीन को मुख्य आरोपी बनाया था। लेकिन, सीबीआई ने इन दोनों के अलावा तैयब अंसारी और मृतका अनीता की सहेली सुनीता को भी आरोपी बनाया है। आइए, अब जानते हैं ब्यूटीशियन अनीता चौधरी हत्याकांड की पूरी कहानी, जिसे उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड से भी खौफनाक बताया जा रहा है।
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पति मनमोहन और मृतका अनीता
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सबसे पहले जानिए कौन है अनीता, कब लापता हुई, कहां और कैसे मिली टुकड़ों में लाश?
जोधपुर की सरदारपुरा में रहने वाली अनीता चौधरी पति मनमोहन चौधरी ब्यूटी पार्लर संचालिका थीं। वह, प्रॉपर्टी डीलिंग के व्यवसाय से भी जुड़ी थी। 27 अक्तूबर को अनीता दोपहर करीब 2:30 बजे अपना पार्लर बंद कर टैक्सी से कहीं गई थी। इसके बाद वह वापस नहीं लौटी। परिजनों ने उसकी गुमशुदगी तो पुलिस जांच शुरू की। टैक्सी के नंबर के जरिए पुलिस उसके चालक तक पहुंची। चालक ने बताया कि उसने महिला को शहर के बाहर गांगाणा क्षेत्र में एक घर के सामने छोड़ा था।
पुलिस उस घर तक पहुंची तो वह अनीता के ब्यूटी पार्लर के पास रफू का काम करने वाले गुलामुद्दीन फारूकी का था। पुलिस ने गुलामुद्दीन के बारे में जानकारी जुटाई, लेकिन वह घर नहीं मिला। पुलिस की जांच जारी रही, लेकिन कुछ भी हाथ नहीं लगा। शक होने पर पुलिस ने गुलामुद्दीन की पत्नी अबेदा परवीन को पूछताछ के लिए थाने बुलाया। पहले तो वह पुलिस को गुमराह करती रही, लेकिन सख्ती से पूछताछ करने पर टूट गई। अबेदा ने पुलिस को बताया कि अनीता की हत्या कर उसके शव को घर के पास गड्ढे में दफना दिया। 30 अक्तूबर को पुलिस ने गड्ढे की खुदाई की, करीब 10 फीट गहरा गड्ढा खोदने के बाद पुलिस को एक बोरी मिली, जिसमें अनीता का शव था। बोरी खोलने पर पुलिस को शव के छह टुकड़े मिले। बाद में पुलिस ने मुंबई से आरोपी गुलामुद्दीन को भी गिरफ्तार कर लिया था।
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सीसीटीवी में कैद अनीता
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अंतिम संस्कार में लगे 21 दिन, क्यों हुई इतनी देरी?
खौफनाक मौत के बाद अनीता का अंतिम संस्कार भी लंबा हो गया। उसके टुकड़ों में बंटे शव को 21 दिन बाद चिता मिली। इसका कारण था परिजनों की मांगे, जिन्हें पूरा करने पर प्रशासन को 21 दिन का समय लग गया। दरअसल, अनीता का शव मिलने के अगले दिन उसके परिजन जोधपुर के भगत की कोठी स्थित तेजा मंदिर में धरने पर बैठ गए और आरोपियों की गिरफ्तारी, उन्हें सख्त से सख्त सजा देने की मांग पर अड़ गए। साथ हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराने और मुआवजा देने की मांग करने लगे। 19 नवंबर को जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में मांगों पर सहमति बनी। इसके बाद परिजन अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए।
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जहां शव के टुकड़े मिले उस गड्ढे से सबूत जुटाती पुलिस
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पुलिस ने चार्जशीट में किसे और क्यों बनाया आरोपी?
पुलिस ने अनीता हत्याकांड की चार्जशीट 30 जनवरी को कोर्ट में पेश की थी। इसमें पुलिस ने अनीता की हत्या का मुख्य आरोपी गुलामुद्दीन और सह आरोपी उसकी पत्नी आबिदा को माना था। पुलिस का कहना था कि अनीता की हत्या लूट के उद्देश्य से की गई थी। गुलामुद्दीन ने उसकी हत्या की थी और आबिदा ने उसका साथ दिया था। उसे हत्याकांड की पूरी जानकारी थी, लेकिन उसने पुलिस का साथ नहीं दिया। पुलिस ने आरोपी गुलामुद्दीन के घर से एक लोहे का ग्राइंडर जब्त किया था, जिसे सबूतों में शामिल किया गया था। साथ ही पुलिस को आरोपी के घर की तलाशी में नींद की गोलियां, नशे के लिक्विड और कुछ केमिकल के डिब्बे भी मिले थे। हालांकि, पुलिस को घर में कहीं भी खून के धब्बे नहीं मिले थे। ऐसे में माना जा रहा था कि केमिकल का इस्तेमाल खून साफ करने के लिए किया गया था।