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कनाडाई फिल्ममेकर रिची मेहता की बड़े जोर शोर से फूलन देवी के जीवन पर शुरू हुई वेब सीरीज नेटफ्लिक्स ने बंद कर दी है। इस सीरीज पर बीते दो महीने से काफी काम भी हो चुका था और रिची मेहता ने इसके लिए भारतीय सिनेमा के कलाकारों के ऑडिशन लेने भी शुरू कर दिए थे, लेकिन सीरीज की कथावस्तु पर नेटफ्लिक्स के विधि सलाहकारों ने ओटीटी को सचेत किया है। और, किसी तरह के संकट में फंसने की बजाय नेटफ्लिक्स ने इस सीरीज को ही बंद करने का फैसला रिची मेहता को सुना दिया है।
निर्भया कांड पर बनी वेब सीरीज ‘दिल्ली क्राइम’ के लिए एमी अवार्ड जीतने वाले फिल्म निर्देशक रिची मेहता की देश विदेश में अपनी खास शैली के लिए अच्छी साख रही है। ‘दिल्ली क्राइम’ के 2019 में आए पहले सीजन के बाद उनका नाम नेटफ्लिक्स की बीते साल रिलीज हुई सीरीज ‘पोचर’ से भी जुड़ा और अभी बीते महीने ही खबर आई थी कि रिची ने फूलन देवी की सीरीज पर काम शुरू किया है। रिची मूल रूप से कनाडाई फिल्ममेकर हैं और साल 2008 में उनकी पहली फीचर फिल्म ‘अमाल’ रिलीज हुई थी। रिडले स्कॉट के साथ बनी उनकी फिल्म ‘इंडिया इन ए डे’ ने उन्हें दुनिया भर में शोहरत दिलाई। नेटफ्लिक्स के सूत्रों की मानें तो फूलन देवी पर सीरीज बनाने पर काम दिसंबर के महीने में पक्का हो गया था। सीरीज के सारे एपिसोड्स की स्क्रिप्ट पक्की करने के बाद ही ओटीटी के सीरीज विभाग ने रिची मेहता को इसके लिए कलाकार तलाशने का काम शुरू करने को कहा था। सीरीज की शीर्षक भूमिका यानी कि फूलन देवी के रोल के लिए रिची ने हिंदी और साउथ सिनेमा की कई अभिनेत्रियों से बातें, मुलाकातें कीं और वह करीब करीब अपने अंतिम फैसले पर पहुंच भी चुके थे।
फूलन देवी पर प्रस्तावित सीरीज के लिए हिंदी सिनेमा के कुछ ऐसे नामचीन कलाकारों ने भी लुक टेस्ट वगैरह दिए जिनके पास ओटीटी आने के बाद से काम ही काम है। इनमें से एक कलाकार तो वह भी हैं जिनके नाम का सिक्का इन दिनों ओटीटी पर ऐसा चल रहा है कि कोई भी निर्देशक उन्हें साथ लेकर कुछ भी बना ले, ओटीटी हां कर देते रहे हैं। पर, बीते छह महीने से ओटीटी संचालकों ने भी अपने हाथ पीछे खींचे हैं। बजट में कटौती के साथ साथ ओटीटी पर आने वाली फिल्मों और सीरीज से समलैंगिंक रिश्तों में कटौती की जा रही है। गालियां कम से कम हों, ऐसा निर्देश भी सीरीज निर्माताओं को दिया जा रहा है और जिन लोगों ने शेखर कपूर की फूलन देवी पर साल 1994 में रिलीज फिल्म ‘बैंडिट क्वीन’ देखी है, वे जानते होगे कि बिना गालियों के ये सीरीज बनने से रही।
रिची मेहता की सीरीज से जुड़े उनके करीबी लोग बताते हैं कि सीरीज की पटकथा क्रिएटिव टीम से ओके होने के बाद लीगल टीम को भेजी गई थी और असल आपत्ति वहीं से आई है। फूलन देवी अपने जीवन में उस बेहमई कांड से कुख्यात हुईं जिनमें उन्होंने अपने सामूहिक बलात्कार का बदला लेने के लिए ठाकुर परिवारों के 22 लोगों को दिन दहाड़े गोलियों से उड़ा दिया था। सीरीज में महिलाओं के उत्पीड़न से लेकर जातिवाद संबंधी कई बिंदु ऐसे हैं जिनको लेकर नेटफ्लिक्स की लीगल टीम सहज नही हैं। सूत्रों के मुताबिक रिची मेहता को इसी के चलते बीते हफ्ते नेटफ्लिक्स के दफ्तर बुलाया गया और उनके साथ ओटीटी की सीरीज टीम ने लंबी बातचीत की।
नेटफ्लिक्स और रिची मेहता के बीच हुई इस बातचीत का लब्बोलुआब यही रहा कि दोनों पक्ष सीरीज की कहानी, इसके प्रस्तुतीकरण और फूलन देवी के चरित्र चित्रण को लेकर एक साझा बिंदु पर नहीं पहुंच सके। इसके बाद ही नेटफ्लिक्स ने इस सीरीज को बंद करने का अपना फैसला रिची मेहता को सुना दिया। दोनों पक्षों ने इसके बाद आपसी सहमति से इस पर आगे काम न करने का निर्णय लिया। जानकारी के मुताबिक सीरीज के विकास पर नेटफ्लिक्स ने इसके शुरू होने से डब्बा बंद होने तक करीब चार करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं। पांच साल पहले निर्देशक तिगमांशु धूलिया ने भी फूलन देवी पर एक 20 एपिसोड की सीरीज की योजना बनाई थी, लेकिन वह योजना भी सिरे नहीं चढ़ सकी थी।
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