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PM Modi Meeting with DM: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी को देश के सभी जिलाधिकारियों (DM) के साथ एक बैठक की थी. लेकिन इस बैठक में पश्चिम बंगाल के जिला मजिस्ट्रेट शामिल नहीं हुए. बंगाल में बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने चिंता व्यक्त करते हुए पीएम मोदी को एक पत्र लिखा है और उन जिलाधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आग्रह किया है.
शुभेंदु अधिकारी ने ट्विटर पर ये जानकारी दी. उन्होंने लिखा, ‘मैंने माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को एक पत्र लिखा है. 22 जनवरी को उनकी अध्यक्षता में हुई वर्चुअल बैठक में पश्चिम बंगाल के जिलाधिकारियों के भाग न लेने के संबंध में अपनी चिंता व्यक्त की है. बैठक में पूरे देश के 190 जिलों के डीएम शामिल हुए. लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और डीएम शामिल नहीं हुए. आखिर कब तक पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी केंद्र पर अभाव का आरोप लगाकर जनता को गुमराह करती रहेगी? यह लगभग आधी सदी से चल रहा है. यह नहीं चल सकता…’
I have written a letter to Hon’ble PM Shri @narendramodi ji, expressing my concerns regarding the non participation of the District Magistrates from WB in the virtual meeting chaired by him on Jan 22.
DMs of 190 districts across India attended the meeting.
— Suvendu Adhikari • শুভেন্দু অধিকারী (@SuvenduWB) January 25, 2022
शनिवार दोपहर पीएम मोदी ने देश के जिला अधिकारियों के साथ विभिन्न प्रशासनिक मामलों पर महत्वपूर्ण चर्चा की थी. लेकिन इस बैठक में बंगाल के जिला अधिकारी शामिल नहीं हुए. इसे लेकर विपक्ष के नेता शुवेंदु अधिकारी के अलावा बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने भी राज्य सरकार पर हमला बोला है.
पीएम मोदी ने कई मानकों पर पिछड़े 142 जिलों में सुधार पर दिया जोर
जिला अधिकारियों के साथ बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने 142 जिलों की पहचान की है, जो विकास में इतने पीछे नहीं हैं, लेकिन जिन एक–दो पैरामीटर्स पर ये अलग–अलग 142 जिले पीछे हैं, अब वहां पर भी हमें उसी कलेक्टिव अप्रोच के साथ काम करना है, जैसे हम आकांक्षी जिलों (एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट) में करते हैं.
प्रधानमंत्री ने विभिन्न जिलों में सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की प्रगति और वर्तमान स्थिति के बारे में प्रत्यक्ष प्रतिक्रिया ली. प्रधानमंत्री ने कहा कि आकांक्षी जिलों ने ये साबित किया है कि इंप्लीमेंटेशन में साइलो खत्म होने से, संसाधनों का ऑप्टिमम यूटिलाइजेशन होता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि साइलो जब खत्म होते हैं तो 1 प्लस 1 दो नहीं बनता, एक और एक 11 बन जाता है. ये सामथ्र्य, ये सामूहिक शक्ति, हमें आज एस्पिरेशनल जिलों में नजर आती है.
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