हनुमान जयंती पर मुस्लिम भीड़ ने दिल्ली के जहांगीर पुरी में रैली निकाल रहे हिन्दू श्रद्धालुओं पर पत्थरबाज़ी की। घटना के बाद से सुदर्शन न्यूज़ के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके और सुदर्शन चैनल जहांगीरपुरी में कबाड़ियों के अतिक्रमण को लेकर लगातार रिपोर्ट कर रहा था। इन्हीं कबाड़ियों के पैसे से वहाँ पर अवैध धन्धे फूलते फलते हैं इसको लेकर सुदर्शन टीवी लगातार लोगों को आगाह कर रहा था। साथ ही यह भी मांग कर रहा था कि आतंकवादियों पर दंगा फैलाने वालों पर केस चलाकर न जाने कब कार्रवाई होगी इसलिए तुरंत कार्रवाई होने की संभावना अतिक्रमण हटाने पर ही बनती हैं। इसलिए इस पर बुलडोजर चलाने की माँग सुरेश चव्हाणके बिंदास बोल से लगातार कर रहे थे। सुरेश चव्हाणके की लगातार मांग ने सरकार पर दबाव बनाया और आज बुलडोज़र पहुँचा भी, काम भी शुरू हुआ। सुदर्शन इसका ज़ोरदार रिपोर्ट भी दिखा रहा था लेकिन जैसे ही सर्वोच्च न्यायालय ने इस तोड़फोड़ की कार्रवाई को रोक दिया।
साथ ही MCD को सुरेश चव्हाणके ने कहा कि कोर्ट का लिखित आदेश आने तक कार्रवाई जारी रखो और वैसा ही हुआ लेकिन। उसके 2 घंटे बाद कोर्ट के आदेश की कॉपी मिली और काम रुक गया। लेकिन सीधे सर्वोच्च न्यायालय से टकराने के सुरेश चव्हाणके के शैली का नेटीजन्स ने सोशल मीडिया पर पुरज़ोर साथ दिया और कोर्ट के इस आदेश के लिए कोर्ट के विरुद्ध कॉमेंट भी किए। जिस के बाद एक बड़ा समूह सुरेश चव्हाणके के साथ मिलकर कोर्ट के फैसले का विरोध करने लगे।
जिस पर सुरेश चव्हाणके ने ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा, दुखद- सरकार अगर कबाड़ी का अतिक्रमण भी नहीं हटा सकती तो क्या ख़ाक आतंकवादियों और दंगाइयों पर कार्रवाई होगी? सर्वोच्च न्यायालय ने संपूर्ण सत्य जाने बग़ैर इसके लिए इतनी जल्दबाज़ी क्यों दिखाई….पौराणिक मठ मंदिरों को तोड़ने वाली कार्रवाई सुनने के लिए समय नहीं पर इनके लिए सीधे आदेश हैं।
16 अप्रैल को जहांगीरपुरी में एक हनुमान जयंती जुलूस के दौरान हुई झड़पों में आठ पुलिस कर्मियों सहित नौ लोग घायल हो गए थे। दिल्ली पुलिस ने अब तक 23 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो किशोर भी शामिल हैं। पांच आरोपियों – जिनमें कथित तौर पर मुख्य साजिशकर्ता मोहम्मद अंसार, और सोनू शामिल हैं, जिन्हें वीडियो में संघर्ष के दौरान पिस्तौल से फायरिंग करते देखा गया था।
कोर्ट का फैसला आने से पहले बुलडोज़र काफी अतिक्रमण हटा चुका था।