उत्तर प्रदेश में इन दिनों जमकर रैलियां की जा रही हैं। सभी दल अपनी पार्टियों के प्रचार के लिए खूब पसीना बहा रहे हैं। राज्य में लगभग हर दिन चार से पाँच बड़ी-बड़ी रैलियां हो रहीं हैं। अब चुनावी रैली हो, पक्ष-विपक्ष में तकरार न हो, यह कैसे संभव है? कुछ इसी तरह का खेल सपा और भाजपा के बीच इन दिनों जारी है। दरअसल, PM Modi ने बीते दिन एक रैली में संबोधन के दौरान CM योगी को प्रदेश के लिए ‘UP+YOGI’ बताया था। जिसके बाद इस पर कटाक्ष करते हुए अखिलेेश यादव ने CM पर हमला किया था। इसी बात को लेकर CM योगी ने एक बार फिर सपा प्रमुख के ऊपर हमला करते हुए कहा कि “योगी तो उपयोगी है। योगी को प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी ने उपयोगी बनाया है। योगी से तकलीफें माफियाओं, मवालियों, गुडों, आतंकियों जैसे लोगों को है।”
दरअसल, अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में लिखा था कि “हाथरस की बेटी, लखीमपुर का किसान, गोरखपुर का व्यापारी, असुरक्षित महिला, बेरोजगार युवा वर्ग, पीड़ित-दलित समूह जैसे सभी वर्ग कह रहे हैं कि यह सरकार किसी के लिए उपयोगी नहीं, अनुपयोगी है। यदि कोई उपयोगी भी है, तो मुख्य योगी कौन है? यूपी कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा।”
अखिलेश के इसी तंज का पलटवार करते हुए यूपी के मुखिया ने मथुरा में 19 दिसंबर को ‘जन विश्वास यात्रा’ के दौरान सपा प्रमुख पर जमकर निशाना साधा। CM योगी ने कहा कि “राज्य में कोसी-कलां का दंगा सारे लोगों को याद होगा। हमारे शासनकाल में पूरे यूपी में एक भी दंगा नहीं हुआ। सपा के शासन में हिंदू वर्ग को प्रताड़ित करके प्रदेश से बाहर भागने पर मजबूर किया गया था। जो कि हमारी सरकार ने प्रदेश के अंदर उन सभी लोगों को आमंत्रित कर जगह देने की कोशिश की है।” उन्होंने कहा कि “PM Modi की सरकार देश की सरकार है। सपा, बसपा अथवा कांग्रेस सब परिवारवाद की पार्टी हैं।”
इतना ही नहीं, योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “इन विपक्षियों को यह अच्छा नहीं लगता कि आप मुजफ्परपुर के दंगाईयों को जेल में बंद करो। साथ ही पीएम मोदी जब टीकाकरण मुफ्त में सबको दिलवाएं, तो यह भी अच्छा नहीं है। इन लोगों को अच्छा क्या लगता है? आतंकवादियों को जेल से रिहा करवाना, गौ हत्यारों को छोड़ना और धार्मिक भावानाओं को आहत करने वाले लोगों को किसी तरह का कोई ऐक्शन न लेना। योगी आदित्यनाथ ने इनकम टैक्स की कार्रवाई के ऊपर जबाब देते हुए कहा कि “जिनकी संपत्ति सपा के शासनकाल में 200 गुना से अधिक बढ़ी, उनके ऊपर इनकम टैक्स की रेड पड़ी है।”