भारतीय मूल के काश पटेल ने शुक्रवार को संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के निदेशक के रूप में शपथ ली। साथ ही उन्होंने इस अवसर को अपने जीवन का सबसे बड़ा सम्मान बताया। एफबीआई के निदेशक काश पटेल ने शपथ ग्रहण के बाद कहा कि मैं अमेरिकी सपने को जी रहा हूं। आप पहली पीढ़ी के एक भारतीय से बात कर रहे हैं जो पृथ्वी पर सबसे महान राष्ट्र की कानून प्रवर्तन एजेंसी का नेतृत्व करने वाला है। ऐसा कहीं और नहीं हो सकता।
काश पटेल ने किया वादा
काश पटेल ने आगे यह भी कहा कि मैं वादा करता हूं कि एफबीआई के भीतर और इसके बाहर जवाबदेही होगी। उनकी यह बात अमेरिकी लोकतंत्र और कानून व्यवस्था के प्रति उनके समर्पण को दर्शाती है। उनका मानना है कि उनकी यात्रा और सफलता उस अमेरिकी सपने का प्रतीक है, जिसे किसी भी नागरिक के लिए संभव किया जा सकता है, चाहे वह किसी भी पृष्ठभूमि से आता हो।
बता दें कि एफबीआई की की नियुक्ति को लेकर गुरुवार को अमेरिकी सीनेट में मतदान हुआ, जिसमें उन्हें 51-49 के अंतर से जीत मिली। इस मतदान में दो रिपब्लिकन सांसदों, मेन की सुसान कोलिन्स और अलास्का की लिसा मुर्कोव्स्की ने पार्टी के नेताओं से अलग होकर पटेल के खिलाफ मतदान किया।
काश के शपथ ग्रहण को लेकर बोले ट्रंप
साथ ही काश के शपथ ग्रहण से पहले व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि मुझे लगता है कि काश पटेल इस पद पर अब तक के सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति के रूप में जाने जाएंगे। यह बयान राष्ट्रपति ट्रंप ने उस समय दिया जब काश पटेल एफबीआई निदेशक के रूप में शपथ लेने के लिए तैयार थे।
ये नेता रहे व्हाइट हाउस मौजूद
शपथ ग्रहण समारोह व्हाइट हाउस में हुआ, जिसमें अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी ने इसे आयोजित किया। इस मौके पर कई प्रमुख रिपब्लिकन नेता भी मौजूद थे, जिनमें टेक्सास के सीनेटर टेड क्रूज और ओहियो के प्रतिनिधि जिम जॉर्डन शामिल थे। काश पटेल की नियुक्ति और उनके शपथ ग्रहण के बाद, उनकी नेतृत्व क्षमता और एफबीआई के लिए उनके दृष्टिकोण को लेकर काफी चर्चा हो रही है।
व्हाइट हाउस ने दी प्रतिक्रिया
साथ ही मामले में व्हाइट हाउस ने एक ट्वीट में बताया कि अटॉर्नी जनरल पामेला बॉंडी ने काश पटेल को आधिकारिक रूप से एफबीआई के निदेशक के रूप में शपथ दिलाई है। ट्वीट में कहा गया कि अब समय आ गया है कि हम एफबीआई में ईमानदारी और न्याय बहाल करें और अमेरिका को फिर से सुरक्षित बनाएं। इस ट्वीट के जरिए व्हाइट हाउस ने काश पटेल के नेतृत्व में एफबीआई की दिशा में सुधार और सुरक्षा को प्राथमिकता देने का संकेत दिया है।
निडर काश की कहानी, एक नजर
चलिए काश की शुरुआती जीवन पर एक नजर डालते है। काश ने बचपन में नस्लीय भेदभाव सहा, पर डिगे नहीं। 2016 में हर ओर से घिरे ट्रंप को अदालत में अपने तर्कों से बेदाग साबित किया। राम मंदिर का समर्थन और जय श्री कृष्ण का उद्घोष करने से नहीं हिचकते। बच्चों के लिए लिखी अपनी एक किताब में जादूगर के किरदार में ट्रंप के संकटमोचक बने काश पटेल अब बतौर एफबीआई प्रमुख अमेरिका के संकटों को दूर करेंगे।
कैसा रहा शिक्षा से वकालत तक का रास्ता
25 फरवरी को 45 वर्ष के होने जा रहे कश्यप प्रमोद विनोद पटेल उर्फ काश पटेल का जन्म न्यूयॉर्क के गार्डन सिटी में हुआ था। उनके पिता का नाम प्रमोद कश्यप, माता का नाम अंजना और बहन का नाम निशा है। भारतीय गुजराती आप्रवासी उनके माता-पिता 1970 के दशक में पूर्वी अफ्रीका के युगांडा से कनाडा और फिर अमेरिका चले गए। उनके पिता एक विमानन फर्म में वित्तीय अधिकारी थे। वर्ष 1988 में उन्हें अमेरिका की नागरिकता हासिल हुई।
साथ ही लॉन्ग आइलैंड के गार्डन सिटी हाईस्कूल से स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद पटेल ने रिचमंड विश्वविद्यालय से बीए ऑनर्स और पेस यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ से ज्यूरिस डॉक्टर की उपाधि हासिल की है। काश पटेल ने 2006 से 2014 तक मियामी-डेड काउंटी, फ्लोरिडा में एक पब्लिक डिफेंडर के रूप में वकालत की शुरुआत की। 2014 से 2017 तक वह यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस में ट्रायल अटॉर्नी रहे।