US: ट्रंप प्रशासन ने लिया USAID कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजने का फैसला, 2000 कर्मियों को थमाया नोटिस


डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिकी राष्ट्रपति
– फोटो : वीडियो ग्रैब/एएनआई

विस्तार


ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका की अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएआईडी) में 2000 कर्मचारियों को बाहर करने का एलान किया है। साथ ही कई अन्य कर्मचारियों को छुट्टी पर भी भेजने की बात कही है। ट्रंप प्रशासन द्वारा यह कदम तब  उठाया गया है जबकि हाल ही में एक संघीय न्यायाधीश ने दुनिया भर में यूएसएआईडी के हजारों कर्मचारियों को नौकरी से हटाने की अनुमति दी थी।

Trending Videos

बता दें कि बीते दिनों इस मामले में सुनवाई के दौरान अमेरिकी जिला न्यायाधीश कार्ल निकोल्स ने एक मुकदमे में सरकार की योजना पर अपने अस्थायी रोक को हटाने की याचिका को खारिज कर दिया, जिसके बाद प्रशासन को यह कदम उठाने की छूट मिल गई।

एसएआईडी कर्मचारियों को भेजा गया नोटिस

ट्रंप प्रशासन ने यूएसएआईडी के कर्मचारियों को एक नोटिस भेजा, जिसमें कहा गया कि रविवार 23 फरवरी, 2025 तक “मिशन-महत्वपूर्ण कार्यों, मुख्य नेतृत्व और/या विशेष रूप से नामित कार्यक्रमों के लिए जिम्मेदार नामित कर्मियों को छोड़कर सभी कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया जाएगा। यह कदम ट्रंप प्रशासन द्वारा यूएसएआईडी पर किए गए एक महीने से चल रहे हमले को और बढ़ाता है। इस दौरान, विदेशी सहायता को रोकने के प्रयास के बाद, वाशिंगटन में एजेंसी का मुख्यालय भी बंद कर दिया गया था, और दुनिया भर में हजारों अमेरिकी सहायता और विकास कार्यक्रमों को रोक दिया गया था।

राष्ट्रपति ट्रंप और उनके समर्थकों का तर्क

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके समर्थक जैसे एलन मस्क का मानना है कि विदेशी सहायता और विकास कार्य फिजूल हैं और यह उदारवादी एजेंडे को बढ़ावा देते हैं। साथ ही नोटिस में यह भी कहा गया कि बर्खास्तगी और छुट्टी के नोटिस मिलने के बाद, सैकड़ों USAID ठेकेदारों को बिना नाम के समाप्ति पत्र मिले। इन नोटिसों के कारण, ठेकेदारों के लिए बेरोजगारी लाभ प्राप्त करना कठिन हो सकता है क्योंकि इन पत्रों में कर्मचारियों के नाम और पद का उल्लेख नहीं किया गया है।

विदेशी सहायता के खिलाफ मजबूत नीति

इस फैसले से संबंधित एक और मुकदमे में एक अलग न्यायाधीश ने विदेशी सहायता पर लगी रोक को अस्थायी रूप से हटा दिया। साथ ही कहा कि प्रशासन को दुनिया भर के कार्यक्रमों के लिए सहायता फिर से बहाल करनी चाहिए। इस फैसले और उसके बाद के घटनाक्रम से यह स्पष्ट हो रहा है कि ट्रंप प्रशासन विदेशी सहायता के खिलाफ अपनी नीति को और मजबूत कर रहा है, जबकि इसके खिलाफ कई कानूनी चुनौतियां भी सामने आ रही हैं।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *